औरंगाबाद में CRPF और पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 162 IED बरामद

औरंगाबाद में CRPF और पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 162 IED बरामद

AURANGABAAD : बिहार में पुलिस नक्सलियों के खिलाफ लगातार एक्टिव मोड पर काम कर रही है। इसको लेकर सर्च अभियान भी चलाया जा रहा है और लोगों को गिरफ्तार भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में ताजा जानकारी बिहार के औरंगाबाद से निकल कर सामने आ रही है। जहां पुलिस ने 162 IED बरामद किया है और 13 IED नष्ट भी किया है। 


मिली जानकारी के अनुसार, बिहार के औरंगाबाद में सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस की टीम द्वारा नक्सलियों पर लगाम लगाने और उनके मंसूबों को असफल करने को लेकर लगातार कारवाई की जा रही है। इसी कड़ी में आज सुरक्षा बलों द्वारा गया औरंगाबाद सीमावर्ती क्षेत्रों के छकरबंधा, लडूईया, गरीबा डोभा सहित आसपास के नक्सली क्षेत्रों में चलाई जा रही सघन छापेमारी अभियान में भारी मात्रा में आईईडी बरामद की गई है।


इस दौरान सुरक्षा बलों द्वारा 160 आईईडी बरामद किए जाने की सूचना प्राप्त हो रही है। इस संबंध में जानकारी के लिए औरंगाबाद की एसपी स्वप्ना जी मेश्राम को फोन लगाया गया तो उनके द्वारा फोन नही उठाया जा सका। लेकिन, एएसपी ने अभियान ने भरी मात्रा में आईईडी एवं में विस्फोटक सामग्री बरामद होने की जानकारी दी है।एएसपी अभियान मुकेश कुमार ने आईईडी बरामद के संख्या की पुष्टि तो नही की है लेकिन उनके द्वारा अच्छी उपलब्धि के संकेत जरूर दिए गए है। उन्होंने बताया की अभी छापेमारी जारी है और विस्तृत जानकारी सुरक्षा बलों के ऑपरेशन से लौटने के बाद प्राप्त होगी।


गौरतलब हो कि, गणतंत्र दिवस के भी पूर्व संध्या पर नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बनाई गई थी। लेकिन उस योजना की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया था और भारी मात्रा में नक्सलियों के द्वारा छुपाकर रखे गए आग्नेयास्त्र एवं गोलियां बरामद की गई थी। उस वक्त भी सुरक्षा बलों ने दो आईईडी बरामद कर उसे जंगलों में ही डिफ्यूज किया था। अभी औरंगाबाद के देव में पर्यटन विभाग तथा जिला प्रशासन के सौजन्य से तीन दिवसीय सूर्य महोत्सव का आयोजन आज से शुरू होना है।महोत्सव में किसी भी प्रकार से विधि व्यवस्था भंग न हो इसको लेकर मदनपुर एवं देव के जंगलों में सघन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। इसी छापेमारी अभियान के तहत सुरक्षा बलों को यह सफलता प्राप्त हुई है।सूत्रों की माने तो इस बार भी नक्सलियों के पांव उखड़ गए और उन्हें भागने को मजबूर होना पड़ा।