अरे छोड़िये न, बैठिये न, चुप रहिये न, हमलोग बोलेंगे न: जब नीतीश मांझी को बेइज्जत कर रहे थे तो जानिये कैसे बेचैन थे जेडीयू के मंत्री

अरे छोड़िये न, बैठिये न, चुप रहिये न, हमलोग बोलेंगे न: जब नीतीश मांझी को बेइज्जत कर रहे थे तो जानिये कैसे बेचैन थे जेडीयू के मंत्री

PATNA: अरे छोड़िये न...बैठिये न...चुप रहिये न...हो गया अब....हमलोग बोलेंगे न....आप बैठ जाइये न.... ये वो शब्द हैं जो बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कहे जा रहे थे. विधानसभा में आज जब नीतीश कुमार पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को जलील कर रहे थे तो उनके खास मंत्रियों की बेचैनी देखने लायक थी. विजय चौधरी, संजय झा, विजेंद्र यादव लगातार अपने नेता को कुछ ऐसी ही सलाह दे रहे थे. एक मंत्री तो अपनी सीट छोड़कर भागे-भागे नीतीश कुमार के पीछे चले आये. लेकिन इन सारी बातों का कोई असर नहीं हुआ. नीतीश बोले जा रहे थे-अरे हम जानबूझ कर बोल रहे हैं न, इसको एक्सपोज कर रहे हैं. 


जेडीयू के मंत्रियों की बेचैनी

विधानसभा में आज आरक्षण बढ़ाये जाने के विधेयक पर चर्चा हो रही थी. जीतन राम मांझी बोल रहे थे कि अनुसूचित जाति के लोगों को सही से आरक्षण का लाभ नहीं हो रहा है. इसी बीच नीतीश कुमार बगैर विधानसभा अध्यक्ष से इजाजत लिये, बोलने के लिए उठ खड़े हुए. नीतीश ने मांझी की ओर इशारा कर बोलना शुरू किया-इसको कोई सेंस नहीं है, ऐसे ही बोलते रहता है, कोई मतलब नहीं है.


विजय चौधरी को ढ़केल कर बिठाया

नीतीश जैसे ही जीतन राम मांझी को तू-तड़ाक करने लगे, वैसे ही उनके पास बैठने वाले मंत्री विजय चौधरी को समझ में आ गया कि मामला खराब हो गया है. विजय चौधरी ने अपना हाथ बढ़ाया और नीतीश को बैठ जाने को कहने लगे. उन्होंने कई दफे नीतीश कुमार को बैठने को कहा. वे लगातार बोल रहे थे-बैठ जाइये. नीतीश पर कोई असर नहीं पड़ा. वे जीतन राम मांझी को अपशब्द बोले जा रहे थे. मामला और बिगड़ता देख विजय चौधरी उठ खड़े हुए. वे खड़े होकर नीतीश कुमार को चुप रहने को कहने लगे. नीतीश ने उन्हें ढ़केल कर अपनी सीट पर बिठा दिया. नीतीश की जुबान से मांझी के लिए अपशब्द जारी रहे. 


संजय झा बेचैन

इस पूरे वाकये के दौरान नीतीश के एक औऱ खास मंत्री संजय झा की बेचैनी भी दिख रही थी. संजय झा अपने लिए निर्धारित सीट छोड़ कर नीतीश कुमार के पीछे की सीट पर बैठ गये. वे पीछे से लगातार बोले जा रहे थे-छोड़ दीजिये, हो गया. चुप हो जाइये. हालांकि विधानसभा की माइक पर उनकी आवाज साफ नहीं सुनी जा रही थी. लेकिन चेहरे का हाव भाव बता रहा था कि वे किस कदर बेचैन हैं. 


तेजस्वी ने कहा-हो गया अब

मांझी पर अपशब्दों की बौछार करने के बाद नीतीश कुमार एक बार तो बैठ गये. लेकिन उसके बाद बार-बार उठ कर जीतन राम मांझी पर बोल रहे थे-ये गवर्नर बनना चाहता है, इसको बना दो गर्वनर. इसलिए इसको भाग दिये थे. गवर्नर बनने के लिए ही ये बीजेपी के पीछे-पीछे घूम रहा है. जेडीयू के बेचैन मंत्री समझ रहे थे कि बात काफी बड़ी हो रही है. इसी बीच विजेंद्र यादव ने भी मुख्यमंत्री को रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं रोके. तब तेजस्वी यादव मदद के लिए आगे आये. तेजस्वी नीतीश को कहते सुने गये-हो गया अब. लेकिन नीतीश चुप नहीं हुए. उसके बाद तेजस्वी तो खामोश हो गये. लेकिन विजय चौधरी दुहराते रहे-हो गया अब, बैठ जाइये. हमलोग हैं न. हम बोलेंगे. 


बार-बार बोलने के लिए उठ खड़े हो रहे नीतीश बोले जा रहे थे-ये कोई काम का नहीं है, फालतू है. इसके परिवार का लोग भी इसके साथ नहीं है. क्यों कांग्रेस से भागकर मेरे पास आया था. नीतीश माइक पर बोल रहे थे औऱ पास में बैठे विजय चौधरी भी लगातार बोले जा रहे थे-अब छोड़ दीजिये न, अब हो गया. अब मत बोलिये. लेकिन नीतीश कुमार पर इसका कोई असर नहीं हो रहा था. वे बोले जा रहे थे-इसको मुख्यमंत्री कौन बनाया. अरे मेरी गदहपनी जो मुख्यमंत्री बना दिये. अब बोल रहा पूर्व मुख्यमंत्री. 


इस बीच बेचैन विजय चौधरी की आवाज माइक में आ रही थी. आप छोड़िये न, आप बैठिये न, अरे हम बोलते हैं. नीतीश ने अपने साथी मंत्रियों को कहा-हम जानबूझ कर बोलते हैं. ये एक्सपोज्ड हो जाये. इनलोगों (भाजपा) के साथ रहो और एक्सपोज्ड हो जाओ. विजय चौधरी की आवाज आयी-अब आपको नहीं बोलना है, अब हमलोग हैं न बोलने के लिए. आप बैठिये न. आप उधर मत देखिये. 


इस बीच विधानसभा अध्यक्ष को भी मामले की गंभीरता का अंदाजा हो गया था. आनन फानन में विधानसभा की कार्यवाही को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी थी. जिस विधेयक पर सदन में चर्चा चल रही थी, इसे बुलेट ट्रेन की रफ्तार में पास कराया जाने लगा. विधेयक पास हुआ और सदन की कार्यवाही स्थगित हुई.