अब व्हाट्सएप के जरिए नहीं मंजूर होगी टीचरों की छुट्टी, के के पाठक ने जारी किया फरमान

अब व्हाट्सएप के जरिए नहीं मंजूर होगी टीचरों की छुट्टी, के के पाठक ने जारी किया फरमान

PATNA : बिहार में जबसे शिक्षा विभाग की कमान के के पाठक संभाली है तबसे वो लगातार कोई न कोई ऐसा निर्णय लेते रहते हैं जिसका कुछ लोग समर्थन भी करते हैं तो कुछ लोग विरोध में भी उतर जाते हैं। ऐसे में अब एक नया फरमान टीचरों की छुट्टी को लेकर जारी किया गया है। जिसके बाद टीचर का टेंशन बढ़ना तय माना गया है।


दरअसल, शिक्षा विभाग ने यह साफ किया है कि वाट्सएप पर छुट्टी के आवेदन देकर शिक्षक चले जाते हैं। यह स्वीकार्य नहीं होगा। शिक्षकों को अपनी छुट्टी का आवेदन भौतिक रूप से स्कूल में पहुंचाना होगा। ताकि, निरीक्षण करने जाने वाले पदाधिकारी यह देख सकें कि आवेदन किस तारीख को दिया गया है। किस तिथि को वह स्वीकृत किया गया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इसको लेकर सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। 


के के पाठक के तरफ से जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सूचित करें कि किसी भी शिक्षक, कर्मी और पदाधिकारी का आवेदन वाट्सएप पर नहीं लिया करें।


केके पाठक ने अपने पत्र में कहा है कि एक जुलाई से स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है, इसके बेहतर परिणाम आए हैं। शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ी है और समय से स्कूल खुल रहे हैं। 40 हजार स्कूल का प्रतिदिन निरीक्षण हो रहा है। लेकिन, इस दौरान यह बात सामने आई है कि वाट्सएप पर आवेदन देकर शिक्षक छुट्टी पर चले जाते हैं। अब यह मान्य नहीं होगा।


उधर, केके पाठक ने यह भी कहा है कि स्कूलों का निरीक्षण प्रायः दिन में एक बार होता है। कतिपय अनुशासनहीन शिक्षकों के बारे में यह पता चला है कि वह निरीक्षण होने के बाद समय से पहले दो या तीन बजे के बीच स्कूल से नदारद हो जाते हैं। ऐसे कुछ मामले हमारे पदाधिकारियों ने पकड़े भी हैं। इसलिए अब स्कूलों का निरीक्षण दो पालियों में किया जाएगा। 


पहली पाली में सुबह नौ से 12 बजे तथा दूसरी पाली में दो बजे से पांच बजे के बीच निरीक्षण होगा। इसके लिए स्कूलों को तीन श्रेणियों में बांटे जाएंगे। पहली पाली, दूसरी पाली तथा दोनों पालियों में होने वाले निरीक्षण के लिए स्कूलों की श्रेणियां बनाई जाएगी। शिक्षकों के बीच यह संदेश जाना चाहिए कि उनके स्कूल का निरीक्षण किसी भी समय तथा दिन में दो बार भी होंगे। स्कूलों के निरीक्षण के लिए रोस्टर अब मासिक नहीं, बल्कि साप्ताहिक होगा।