अब JDU के अंदर से उठी मांग, नीतीश जी.. मुखिया और सरपंच की सुन लीजिए

अब JDU के अंदर से उठी मांग, नीतीश जी.. मुखिया और सरपंच की सुन लीजिए

PATNA : कोरोना संक्रमण के कारण पंचायत चुनाव पर मंडरा रहा संकट और इसके बीच पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने की मियाद नजदीक आ रही है. ऐसे में अब अन्य राजनीतिक दलों के साथ-साथ जनता दल यूनाइटेड के अंदर खाने से भी पंचायती राज प्रतिनिधियों के समर्थन में आवाज उठने लगी है. स्थानीय प्राधिकार से चुनकर आने वाले जेडीयू के विधान पार्षदों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने अब यह मांग रखी है कि चुनाव टलने की स्थिति में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल विस्तारित किया जाए.


मुंगेर और जमुई के इलाके से चुनकर आने वाले जेडीयू के विधान पार्षद संजय प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. उन्होंने पंचायत चुनाव नहीं हो पाने की स्थिति में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की है. एमएलसी संजय प्रसाद ने पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाए जाने के पीछे केंद्र और राज्य प्रायोजित योजनाओं को पंचायती राज संस्थाओं के जरिए जमीन पर उतारे जाने का हवाला दिया है. उधर मुजफ्फरपुर से स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र से चुनकर आने वाले जेडीयू के ही विधान पार्षद दिनेश सिंह ने भी पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल विस्तारित किए जाने की मांग रखी है. 


विधान पार्षद दिनेश सिंह की पत्नी और लोक जनशक्ति पार्टी की सांसद वीणा देवी ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल विस्तारित करने की मांग रखी है. आपको बता दें कि जेडीयू एमएलसी दिनेश सिंह और एलजेपी सांसद वीणा देवी की बेटी कोमल सिंह ने लोजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था. अपनी बेटी के समर्थन में दिनेश सिंह चुनाव मैनेजमेंट करते नजर आए थे. जिसके कारण उन्हें पार्टी में निलंबित किया था.


स्थानीय प्राधिकार से चुनकर आने वाले विधान पार्षदों ने एक सुर में सरकार से यह मांग रखी है कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल विस्तारित किया जाए.  पंचायत प्रतिनिधि इन विधान पार्षदों के वोटर होते हैं और अगर बिहार में समय पर पंचायत चुनाव नहीं हुए तो विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकार से चुनकर आने वाले विधान पार्षदों के भविष्य पर भी संकट खड़ा होगा. चुनाव आयोग पहले ही कह चुका है कि महामारी के कारण विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र से होने वाले चुनाव समय पर नहीं हो पाएंगे.