600 मरीजों को लगाया नकली पेसमेकर, अब-तक 200 मरीजों की मौत, निलंबित डॉक्टर गिरफ्तार

600 मरीजों को लगाया नकली पेसमेकर, अब-तक 200 मरीजों की मौत, निलंबित डॉक्टर गिरफ्तार

DESK: डॉक्टर को लोग धरती का भगवान कहते हैं उन पर आंख बंदकरके विश्वास करते हैं। लेकिन कुछ डॉक्टर की वजह से इस पेशे से जुड़े अन्य लोग भी बदनाम होते हैं। तब लोगों को लगता है कि जिसे वो धरती का भगवान मानता है वही उनकी जान के दुश्मन बने हुए हैं। दरअसल डॉक्टर ने पैसों की लालच में करीब 600 मरीजों को नकली पेसमेकर लगाया और 20 साल तक चलने का दावा किया लेकिन यह दो महीने में ही खराब हो गया जिसके कारण अभी तक 200 मरीजों की मौत हो गई है।


नकली पेसमेकर लगाने की वजह से 200 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है। पेसमेकर घोटाला मामले के आरोपी डॉ. समीर सर्राफ को निलंबित कर दिया गया है। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है। मामला उत्तर प्रदेश के सैफई (इटावा) आयुर्विज्ञान मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ है जहां कार्डियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर पर गंभीर आरोप लगा है। इन पर करोड़ो रुपये की हेराफेरी का आरोप है। इन्होंने नकली पेसमेकर लगा मरीज की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है। बताया जाता है कि 600 हार्ट के मरीजों को नकली पेसमेकर लगाया गया था जिसमें 200 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है। 


पीड़ित के परिजनों का कहना है कि डॉ. समीर सर्राफ ने ही इस नकली पेसमेकर को लगाने की सलाह दी थी कहा था कि 20 साल तक यह पेसमेकर अच्छे से काम करेगा लेकिन दो महीने में ही यह खराब हो गया। इतनी जल्दी पेसमेकर के खराब होने की वजह से अभी तक 200 मरीजों की जान चली गयी है। बता दें 8 फरवरी 2022 को तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आदेश कुमार ने सैफई थाने में मेडिकल यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर समीर सर्राफ के खिलाफ वित्तीय अनियमितता और पीड़ित मरीजों को वित्तीय हानी पहुंचाने जैसे कई गंभीर मामले दर्ज कराये थे। अब जाकर दूसरी बार उन्हें सस्पेंड किया गया।


 सस्पेंड होने के बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में और कौन-कौन लोग शामिल है इसका खुलासा अभी नहीं हो सका है फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी है। बता दें कि इससे पहले 2021 में डॉ. समीर को निलंबित किया गया था। उसके बाद अब दूसरी बार सस्पेंड किया गया है। इस बार तो उन्हें गिरफ्तार किया गया है जिनसे पूछताछ भी की जा रही है। इस मामले के सामने आने के बाद करीब 17 महीने तक ओपीडी बंद रही थी।